Monday, December 13, 2021

News: नदी-तालाब, गोचर, सार्वजनिक भूमि का नियमन नहीं [10.12.2021]

 -राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में पक्ष रखा

जोधपुर। राज्य सरकार ने गुरुवार को राजस्थान हाईकोर्ट में कहा कि प्रशासन शहरों के संग अभियान के दौरान सार्वजनिक भूमि, नदी-तालाब, गोचर तथा प्रतिबंधित श्रेणी की भूमि पर किसी तरह का नियमन नहीं किया जाएगा। याचिका की सुनवाई शुक्रवार को भी जारी रहेगी।

मुख्य न्यायाधीश अकील कुरैशी तथा न्यायाधीश सुदेश बंसल की खंडपीठ में याचिकाकर्ता भंवरसिंह की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से हरिन पी रावल ने कहा कि मास्टर प्लान की भावना के विपरीत किसी तरह का नियमन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार को कृषि भूमि के अकृषि प्रयोजनार्थ भू-रूपांतरण के अधिकार है। भू-राजस्व अधिनियम की धारा 90-क के तहत भू-रूपांतरण करने के दौरान भी मास्टर प्लान में अनुज्ञेय भू-उपयोग के अनुरूप ही कार्यवाही की जाती है। याचिका में राज्य सरकार के 28 सितंबर तथा इसके साथ-साथ जारी अन्य आदेशों को चुनौती दी गई है, जो कथित तौर पर अनियमित निर्माणों को नियमित करने को लेकर है।

गौरतलब है कि एक अन्य याचिका में कोर्ट ने 6 अक्टूबर को विस्तृत अंतरिम निर्देश दिए हैं, जिसमें प्रदेश के किसी भी शहर और कस्बे में मास्टर डवलपमेंट प्लान के तहत अधिसूचित जोनल डवलपमेंट प्लान और सेक्टर प्लान के विपरीत राज्य सरकार की ओर से सार्वजनिक भूमि, कृषि भूमि या अन्य तरह की भूमि पर अवैध निर्माण या कब्जे के नियमन पर रोक लगाई गई थी। कोर्ट ने यह भी कहा था कि जिन कस्बों और शहरों के जोनल डवलपमेंट प्लान तथा सेक्टर प्लान विधिवत अनुमोदित नहीं है, वहां किसी तरह के व्यक्तिगत निर्माण या अनाधिकृत रूप से विकसित कॉलोनी के नियमितिकरण के लिए प्रक्रिया शुरू नहीं की जाए। कोर्ट ने सरकार को यह सुनिश्चित करने को भी कहा था कि राजस्थान पत्रिका के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी की पत्र याचिका पर 20 जनवरी, 2017 तथा 15 दिसंबर, 2018 के आदेशों की अवहेलना में किसी तरह के अवैध निर्माण या कब्जे का नियमन नहीं किया जाए।

Link for Oct 6 order: https://claim-for-commons.blogspot.com/2021/12/rajasthan-hc-in-roshan-vyas-vs-state-of.html

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[Translated by Google]

Jodhpur: The state government said in the Rajasthan High Court on Thursday that during the campaign Prashasan Shehron Ke Sang, there will be no regulation on common lands, river-ponds, grazing lands and restricted category land. The hearing of the petition will continue on Friday as well.

During the hearing of the PIL filed by petitioner Bhanwar Singh in a division bench of Chief Justice Akil Qureshi and Justice Sudesh Bansal, Harin P. Rawal, appearing for the government, said that no regulation will be done contrary to the spirit of the master plan. He said that the government has the right to convert agricultural land for non-agricultural purposes. Even during land conversion under Section 90-A of the Land Revenue Act, action is taken according to the permissible land use in the master plan. The petition has challenged the September 28 order of the state government and other orders issued along with it, regarding regularization of alleged irregular constructions.

It is worth noting that in another petition, the court had given detailed interim directions on October 6 prohibiting regularization of unauthorized occupation/construction over public lands, agricultural land or any other land, contrary to the Zonal Development Plan and Sector Plan of any town or city in Rajasthan, if already finalized and notified in conformity with the Master Development Plan. The court had also said that in towns and cities where the zonal development plan and sector plan are not duly approved, the process for regularization of any kind of individual construction or unauthorizedly developed colony should not be initiated. The court had also asked the government to ensure that no illegal construction or occupation is regulated in defiance of the orders of January 20, 2017 and December 15, 2018 on the letter petition of Gulab Kothari, editor-in-chief of Rajasthan Patrika.

Link for Oct 6 order: https://claim-for-commons.blogspot.com/2021/12/rajasthan-hc-in-roshan-vyas-vs-state-of.html

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